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आयुष्मान भारत से बदली बिहार की सेहत की तस्वीर, करोड़ों परिवारों को मिला मुफ्त इलाज का भरोसा

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पटना।बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा अब केवल योजना नहीं, बल्कि एक मजबूत सहारा बन चुकी है। राज्य सरकार की सक्रिय पहल से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि अब तक बिहार में 1.68 करोड़ परिवार इस योजना से जुड़ चुके हैं और 4.13 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

इन आयुष्मान कार्डों की बदौलत लाभार्थी न सिर्फ बिहार, बल्कि देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में बिना पैसे खर्च किए इलाज करा पा रहे हैं। इससे गरीब परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज में बड़ी राहत मिली है।

योजना के क्रियान्वयन में बुजुर्गों को खास प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के आंकड़ों के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु के 3.61 लाख पात्र वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान ‘वय वंदना’ कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इससे बुजुर्गों को इलाज के दौरान आर्थिक चिंता से मुक्ति मिली है।

आंकड़े बताते हैं कि अब तक 27.60 लाख से अधिक मरीजों को इस योजना के तहत करीब 3941 करोड़ रुपये का कैशलेस इलाज मिल चुका है। सरकारी हो या निजी अस्पताल, इलाज की प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस रखी गई है, जिससे जरूरतमंदों को कर्ज या संपत्ति बेचने जैसी मजबूरी का सामना नहीं करना पड़ा।

वर्तमान में बिहार में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 433 सरकारी और 725 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। इस तरह राज्यभर में 1,138 अस्पतालों का मजबूत नेटवर्क तैयार किया गया है, जो जिला स्तर से लेकर बड़े शहरों तक इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

आगे और विस्तार की तैयारी
स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा के मुताबिक, आने वाले समय में और अधिक परिवारों को योजना से जोड़ने की तैयारी है। इसका उद्देश्य बिहार में सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा को और मजबूत करना है।

कुल मिलाकर, आयुष्मान भारत योजना बिहार के गरीब और कमजोर वर्ग के लिए एक भरोसेमंद ढाल बन चुकी है, जो न सिर्फ इलाज सुनिश्चित कर रही है, बल्कि आर्थिक संकट से भी बचा रही है।

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